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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा भारत, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान की नवंबर माह में यात्रा आरंभ करने वाले हैं. ओबामा 5 नवंबर को अमेरिका से चल कर 6 नवंबर को मुंबई आएंगे. जहॉ वे ऐतिहासिक ताज होटल में 26/11 हमले में बच गए लोगों से मुलाकात करेंगे. 7 नवंबर को मुंबई के स्कूली बच्चों के साथ ओबामा दीवाली मनाएंगे. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति मुंबई विश्वविद्यालय के छात्रों से टाउन हॉल में मिलेंगे और ‘लोकतंत्र’ पर भाषण देंगे.
नई दिल्ली में ओबामा 8 नवंबर को पहुंचेंगे. सबसे पहले वे दिल्ली में हुमायूं का मकबरा देखने जाएंगे. इसके बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि ‘राजघाट’ जाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके पश्चात वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे और संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे. 8 नवंबर को ही उनका राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात का भी कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी एक रात्रि भोज की मेजबानी करेंगे, जहां ओबामा और उनकी पत्नी को आमंत्रित किया गया हैं. 9 नवंबर की सुबह ओबामा की जकार्ता रवानगी के साथ उनका भारत भ्रमण कार्यक्रम खत्म हो जाएगा.
ग्लोबल अर्थव्यवस्था की कमजोर रिकवरी के बीच भारत की अर्थव्यवस्था पूरे दम खम के साथ आगे बढ़ रही है. ऐसे में दुनिया के अधिकांश देश भारत के साथ आर्थिक रिश्तों को मजबूत बनाने और उसको व्यापक आयाम देने के लिए काम कर रहे हैं. विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्था और सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी इसका अपवाद नहीं है. अमेरिका ने संकेत दिया है कि नवंबर में भारत दौरे पर आ रहे राष्ट्रपति बराक ओबामा का फोकस भारत-अमेरिका रिश्तों के आर्थिक आयामों पर होगा. वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिहाज से बराक ओबामा भारत की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं.
बराक हुसैन ओबामा – एक संक्षिप्त परिचय
एक आम इंसान से दुनियां के सबसे ताकतवर देश का राष्ट्रपति बनने तक का सफर वाकई एक अजूबा ही होता है. 47 वर्षीय बराक ओबामा पहले अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक हैं जो अमेरिका के राष्ट्रपति बने.
राष्ट्रपति बनने के कुछ समय पहले तक ओबामा राष्ट्रीय व्यक्तित्व नहीं थे लेकिन 2008 के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से हिलेरी क्लिंटन के साथ उनका भी नामांकन किया गया था. ओबामा ने 2004 में डेमोक्रेटिक नेशनल कंवेशन में प्रमुख भाषण दिया था जिसकी काफी सराहना की गई थी.
कीनियाई मूल के अश्वेत पिता और अमरीकी मूल की मां के तलाक के समय ओबामा एक बच्चे थे. बाद में मां की दूसरी शादी के बाद उनके बचपन का कुछ समय इंडोनेशिया में बीता. दस साल की उम्र से वे अपने नाना-नानी के साथ रहने चले गए और अपना बचपन और किशोरावस्था उन्हीं के साथ गुजारी. उनकी पत्नी मिशेल भी हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में उनके साथ कानून की पढ़ाई करती थीं. पढ़ाई खत्म होने के बाद दोनों ने शादी कर ली. मालिया और साशा उनकी दो बेटियां हैं.
ओबामा ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है. यहीं ओबामा ने ‘ऑक्सफोर्ड लॉ रिव्यू’ का संपादन भी किया. वे इस पत्रिका के पहले अश्वेत संपादक चुने गए थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरियों को छोड़कर सामाजिक क्षेत्र चुना. शिकागो में उन्होंने छोटे-बड़े कई काम किए.
आरंभ में मतदाता पंजीकरण अभियान चलाया, संवैधानिक कानून पर भाषण दिए और नागरिक अधिकारों के वकील के रूप में काम किया. इसके कुछ साल पहले ओबामा एक परियोजना के दौरान अश्वेत चर्चों को संगठित कर चुके थे.
उनके अश्वेत होने से उपजे अनुभवों ने उनकी सोच को व्यापक आयाम दिया. उन्होंाने दो किताबें भी लिखीं हैं जिसमें से एक ‘ड्रीम्स फ्रॉम माई फादर: ए स्टोरी ऑफ रेस एंड इनहैरिटेंस’ है इसमें उनके बचपन, युवावस्था और कीनियाई जड़ों की बात की गई है. उनकी दूसरी किताब ‘द ऑडेसिटी ऑफ होप’ है.
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